अयांश की जान बचाने के लिए रोहतास पहुंची नेहा सिंह।
अयांश की जान बचाने के लिए रोहतास पहुंची नेहा सिंह।
पटना: स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) बीमारी से पीड़ित 10 माह के अयांश को गोद में लेकर गांव वालों के सामने आंचल फैलाकर मदद मांगती मां नेहा सिंह को देख लोगों का कलेजा फट गया। बीमार बच्चे को गोद में लेकर पटना से रोहतास पहुंची नेहा की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थ। बच्चे की जान बचाने के लिए वह उस गांव में लोगों के सामने हाथ फैलाकर आर्थिक मदद मांग रही थी जिस गांव की वह बहू हैं। गांव की बहू को बेटे के लिए घूम घूमकर पैसा मांगता देख गांव वालों की आंखें भी नम हो गईं। वह हर स्तर से नेहा की मदद के लिए आगे बढ़ गए।
क्या है SMA बीमारी
स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) बीमारी वाले बच्चों के शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता। इससे मांसपेशियां और तंत्रिकाएं (Nerves) खत्म होने लगती हैं। दिमाग की मांसपेशियों की एक्टिविटी भी कम होने लगती है। ब्रेन से सभी मांसपेशियां संचालित होती हैं, इसलिए सांस लेने और खाना चबाने तक में दिक्कत होने लगती है। SMA कई तरह की होती है, लेकिन इसमें Type 1 सबसे गंभीर है। देश में अभी तक 5 लोगों और दुनिया में करीब 600 लोगों को SMA बीमारी के इलाज के लिए जोल्जेंसमा का इंजेक्शन लगा है। जिन्हें लगा उन्हें भी 60 % ही फायदा मिला।
इतना महंगा क्यों है यह इंजेक्शन
डॉक्टर बताते हैं कि जोल्जेंसमा इंजेक्शन को स्विट्जरलैंड की कंपनी नोवार्टिस बनाती है। इसकी एक डोज से पीढ़ियों तक पहुंचने वाली जानलेवा जेनेटिक बीमारी को ठीक किया जा सकता है। नोवार्टिस के इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपए है। इस पर साढ़े 6 करोड़ रुपए इंपोर्ट ड्यूटी लगती है।